how to do vashikaran-kaise hota hai for Dummies
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मैंने उनसे कहा, ‘उसे लेकर आइए, मैं देखता हूं।’ उसे देखते ही मैं समझ गया - अरे यह तो शिव का एक तत्व है.. बहुत ही शक्तिशाली। इसलिए मैंने उनसे कहा, ‘आप इसे मत रखिए। अगर आप यह मुझे दे दें, तो मैं हमेशा आपका आभारी रहूंगा, अन्यथा उसे नदी में फेंक दें। उसे अपने घर में मत रखिए।’ घर में खूब सोचा-विचारा गया, ‘यह हमारे परदादा की चीज है, क्या हमें इसे दान कर देना चाहिए, क्या हमें इसे फेंक देना चाहिए?
दोस्तों आज की पोस्ट यक्षिणी साधना आपको कैसी लगी हमें जरूर बताए.
यहाँ सदगुरु दुनिया के सबसे ज्यादा उल्लासमय, समृद्ध त्योहारों में से एक, दिवाली का आध्यात्मिक महत्व समझा रहे हैं, जिससे आपको एकदम नये ढंग से दिवाली के महत्व को समझने का मौका मिलेगा।
Nonetheless, just a trusted and experienced astrologer really should get it done. You can anticipate to get the most beneficial outcomes when it's attained in the right context.
- ये उपाय गुरुवार, शनिवार और मंगलवार दिन इस उपाय को शुरू करें और जब तक नियमित रूप से करते रहें, जब तक आपका प्रेम पार्टनर स्वंय चलकर आपके पास न आ जाए. और नियमित रूप से लहसुन की कलियों के साथ ही ये जाप करें. ये उपाय बहुत ही कारगार है. ये उपाय करते ही आपका पार्टनर आपकी तरफ आकर्षित हो जाएगा. और खुद ही आपके सामने प्यार का इजहार कर देगा.
वशीकरण के द्वारा मनचाही सफलता प्राप्त की जा सकती है.
Nevertheless, it is said that it should be carried out While using the good intention as the universe will give the outcome as per the unfavorable and positive vibrations, which can return. Even so, to have optimum Gains from it, a single should constantly choose to utilize it positively.
शालिग्राम के फायदे - शालिग्राम की कृपा जीवन को अलग दिशा देती है
साधक इसे प्रेमिका स्वरूप में सबसे ज्यादा सिद्ध करने की कामना रखते है जो की उनके पतन का कारण भी बन जाती है.
He has solved skillfully together with private problems with persons in India and abroad. His skilled by means of in the field of vashikaran, prediction, and vastu has produced him among the best vashikaran expert astrologers in India.
मुख्य प्रकार की get more info यक्षिणी और उनका महत्त्व
यक्षिणी साधना का महत्व एक साधक के जीवन में बिलकुल वैसे ही जैसे एक गृहस्थ के जीवन में नारी का.
देखिए, यह जरूरी नहीं है कि कोई किसी फल को जहरीला बनाकर आपको दे। उस फल में कोई कुदरती जहर भी हो सकता है जो खाने पर आपके शरीर में प्रवेश कर सकता है। इसीलिए, जीवन के नकारात्मक पहलू बहुत तरीकों से आपके अंदर प्रवेश कर सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि कोई कहीं बैठकर आपके खिलाफ साजिश कर रहा हो। इसलिए ध्यानलिंग का प्रवेशद्वार, पहला पंद्रह डिग्री कोण इसी मकसद के लिए बनाया गया है। इससे पहले कि लोग किसी और चीज की कामना करें, वे खुद-ब-खुद इस तरह के असर से मुक्त हो जाते हैं। उन्हें बस उस स्थान में लगभग साठ-सत्तर फीट चलना होता है, ये नकारात्मक चीजें अपने आप बेअसर हो जाती हैं।
सबसे पहले जानते है की यक्षिणी कितने प्रकार की होती है और उनके महत्व क्या है.